किसी भी धर्म की परंपरायें और रीति रिवाज मानवता और मानवीय मूल्यों से बड़ा नहीं है। जो रीति रिवाज और परम्परायें मानवीय मूल्यों पर आधारित नहीँ हो उसका बहिष्कार आवश्यक है। एक देश, एक कानून, एक आचार सहिंता का होना राष्ट्रीय एकता का परिचायक है, जो कि सकारात्मक विकास और सांस्कृतिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। आधुनिक समाज को परम्परा और रीति रिवाजो के आधार पर न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता है। मुस्लिम महिलाओं को एकजुट होकर एक आचार सहिंता का समर्थन करना चाहिये ताकि वे न्याय से वंचित नहीं रह सके।
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