ओवैसी जैसे लोग भारत के लिये आस्तीन का साँप सिद्ध हुये हैं। अगर ऐसे विचारों को पनाह दिया गया तो ये अलगाववाद की नींव मजबूत करके भारत की संप्रभुता के लियें खतरा पैदा कर सकते हैं। इससे पहलें कि ऐसे विचार वातावरण में जहर फैलाएं और सामजिक माहौल को दूषित करें ,इनका उन्मूलन जरूरी है।
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