देशभक्ति का मतलब जमीन के टुकड़े के साथ प्रेम होना मात्र नहीं है। मानव जहाँ रहता है ,वहां से उसका कुछ लगाव हो ही जाता है ,फिर भी इतने मात्र से देशभक्ति नहीं आती। पुत्र रूप या पुत्री रूप और माता रूपी भूमि के मिलन से देश की सृष्टि होती है। यही देशभक्ति है ,जो अमर है। इसलिए हमारी राष्ट्रीयता का आधार भारतमाता है केवल भारत नहीं। बाबा रामदेव ने जो कुछ भी कहा वह पिता रूप में उग्र होकर राष्ट्रभक्ति का सन्देश दिया उनके विचारों पर संदेह करना निर्रथक शुष्क विवादों को जन्म देना है।
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