Friday 8 April 2016

"आज कम्युनिस्ट पार्टियों के किसी भी साहित्य में सत्यभक्त का नाम नहीं आता। भारत की वाम राजनीती सर्वहारा को छोड़कर समीकरणों में सिमट गई है।"......Dr. Rakesh Sinha Hindustan 8th August 2016 

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