Monday 18 April 2016

पाकिस्तान से भारत आय हिन्दू शरणार्थियों के प्रति नेहरूवादी दृष्टिकोण को मोदी सरकार ने अलविदा कह दिया है। मोदी सरकार का यह पहल नेहरू-लियाकत अली के बीच हुए समझौते के दुष्परिणामों को उजागर करती है। मुखर्जी - मंडल की वह आवाज आज साकार हो रही है ,जो सेक्युलरवाद के कोलाहल में दबा दी गई थी। धर्मनिरपेक्षता के  नेहरूवादी दृष्टिकोण ने इन दोनों देशों में हिन्दुओं को लुप्त प्रजाति बन दिया है। अमेरिका जो भारत की धार्मिक स्वतंत्रा  लिए जरूरत से ज्यादा चिंता दिखाता है ,वह पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दुओं के प्रति नेत्रहीन हो जाता है। ...... 'अतीत की भूल का सुधार' 'हिंदुस्तान' राकेश सिन्हा  १९ अप्रैल २०१६ 

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