Thursday 14 April 2016



नौमी तिथि मधु मास पुनीता । सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता ॥
मध्य दिवस अति सीत न धामा । पावन काल लोक बिश्रामा ॥
राम जन्म की हार्दिक बधाई ।

राम शब्द को बुद्धि और तर्क से नहीं समझा जा सकता है। जिसे वेद ने नेति नेति कह कर सम्बोधित किया वह श्रद्धा, विश्वास, सत्य ,प्रेम और करुणा से समझा जा सकता है। प्रभु राम ने निजी स्वार्थो को राष्ट्र प्रेम के आरे नहीं आने देने का अतुलनीय सन्देश पूरे विश्व को दिया। धन्य है और पुण्य है भारतवर्ष की भूमि जहाँ रामायण के रूप में हमें जीवन जीने की संजीवनी मिली।

राम चरित जे सुनत अघाहीं । रस बिसेष जाना तिन्ह नाहीं ॥
जीवन मुक्त महामुनि जेऊ । हरि गुन सुनहिं निरन्तर तेऊ ॥

 जय श्री राम 

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