राष्ट्र भक्त बाल गंगाधर तिलक
परम कर्मयोगी तथा राष्ट्र को सांस्कृतिक ऊर्जा प्रदान कर उसे नव निर्माण की ओर ले जाने वाले प्रखर राष्ट्रवादी देशभक्त तिलक को उनके जन्म दिवस (२३ जुलाई ) पर सत सत नमन। बाल गंगाधर तिलक ने गीता रहस्य के माध्यम से निष्काम कर्मयोग का बीजारोपण कर देश को कर्म पथ पर आगे बढ़ने का हौसला दिया।

तिलक ने इस बात का पूरा प्रयास किया कि हम अपने सांस्कृतिक धरोहर को अपनी विरासत समझें तथा उस पर गौरन्वित हो सके। देश पर प्राण न्योछावर करने वाले देशभक्तों पर हम गर्व कर सके ताकि इससे राष्ट्र में नई ऊर्जा का सतत संचार होता रहे। स्वदेशी को अपना हथियार और ताकत बनाकर उन्होंने आने वाली पीढ़ी को यह सन्देश दिया की अपनी पहचान खोकर हम किसी भी कामयाबी या लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकते।
आज की युवा पीढ़ी के लिए इस बात को समझने की जरुरत है कि अपनी पहचान खोकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर भागना एक मृग मरीचिका की तरह है। आज भारतमाता को ऎसे ही देशभक्तो की जरुरत है जो देश को अपनी सेवा निष्काम कर्मयोगी की तरह से देते रहे, जिसकी आज नितांत आवश्यकता है।
No comments:
Post a Comment