Friday 31 July 2015

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर 


गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काको लागो पांए बलिहारी गुरु आपनो जिन गोविन्द दियो बताय।


गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मैं अपने सभी शिक्षा और आध्यात्म  गुरुओं की चरण वन्दना करती हूँ। भारत जैसे महान राष्ट्र में अनेक ऋषि मुनिओं ने गुरु परम्परा को सुशोभित कर इस मातृभूमि को धन्य किया है।  हम सभी उनके कृतज्ञ हैं।   वाल्मीकि, तुलसीदास, विश्वामित्र, वशिष्ठ, व्यास, द्रोणाचार्य इत्यादि गुरुओं ने अपने आशीष से भारतवर्ष को अलंकृत किया है।

भारत को पुण्य भूमि और अध्यात्म भूमि की संज्ञा इन्ही गुरुओं के आशीष से प्राप्त हुई है। इन्होने सदैव भारतवर्ष में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है। प्रहलाद और ध्रुव के जीवन में नारद मुनि जैसे गुरु का प्रादुर्भाव अगर न हुआ होता तो इतनी काम उम्र में उन्हें नारायण नहीं मिलते। गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं तथा अंतःकरण का शुद्धिकरण करते हैं। मैं पुनः सभी गुरुओं को शत शत नमन करती हूँ। 

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