SOCIAL POLITICAL AND CULTURAL ANALYSIS
Monday, 22 February 2016
. अथर्वेद में कहा गया है 'उग्रं पश्ये राष्ट्रभृत किल्लीवषाणि ' अर्थात पापकर्म करनेवाले को राष्ट्र के रक्षक अपनी उग्र द्रिष्टि से देखें। राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा अनुशासन -वृति और सांस्कृतिक ऊर्जा से ही संभव है।
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