Monday 13 June 2016

विनोबाजी  का  यह सूत्र बहुत ही सटीक है कि "युद्ध कभी दो धर्मों के बीच नहीं होता, दो अधर्मों के बीच ही होता है"  इस्लाम धर्म को जब कुछ लोग अधर्म की और ले जाने  का प्रयास  करते है तो  कभी वह आतंकवाद का रूप लेती है तो कभी कश्मीरी  पंडितों को पलायन के लिए वाध्य करने के रूप में सामने आती है और  कभी कैराना से हिन्दुओं के पलायन के रूप में सामने  आती है। इस्लाम धर्म को कुछ लोग अधर्म का  पर्याय बनाने के लिए  प्रयत्नशील क्यों है ? भारतीय संविधान की अल्पसंख्यंकों के प्रति अति उदारता को वे कमजोरी न समझें । इस तरह की घटनाओं का बार बार घटित होना भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है । 

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